ज़िन्दगी के दर्द को कुछ इस तरह छिपाया जाये
आँखें हों नम फिर भी मुस्कुराया जाये ...!
वो कहते हैं वो आयें गे घर मेरे
चाँद तारों से चलो घर को सजाया ..जाये ...!
कुछ कहना था तुम से वो बात ...वो राज़ ...
चलो रात भर चाँद से बतियाया जाये ...!
हटो जाओ ...चलो अब सोने भी दो ...
नींद सा नशा कुछ आँखों से पिलाया जाये।